दाल और श्री अन्न से बिना तेल का बनाइए सेहत से भरपूर नाश्ता :
वर्तमान समय के व्यस्त जीवन शैली में अनेको प्रकार की बीमारियों ने मनुष्य को परेशान कर रखा है। जबसे वैक्सीन और एंटीबायोटिक का प्रयोग हुआ है संक्रामक व्याधियों के प्रभाव में काफ़ी कमी देखने को मिली है। लेकिन भागदौड़ के कारण बिगड़ी जीवन शैली से होने वाली बीमारियों के रोगियों की संख्या बढ़ी है। इन सब के अनेक कारणो में एक कारण भोजन के प्रति हमारी उदासीनता भी है।इस लेख में हम दाल और श्री अन्न से बनी एक पौष्टिक आहार कल्पना के विषय में जानेंगे जो इस समस्या के समाधान में सहायक होगी ।
अधिकांश लोग नाश्ते में तली हुई चीजें जैसे पराठे आदि लेना पसंद करते है। इस प्रकार के आहार द्रव्य पचने में भारी होने के कारण देर से पचते है।जिसकी वजह से भोजन के अगले काल का विघात होता है। आयुर्वेद के सिद्धांतों के अनुसार ऐसा करना उचित नहीं होता।इन समस्याओं के समाधान के रूप में पाक शास्त्र के ग्रंथों में वर्णित कुछ आहार कल्पनाओं के गुण धर्म का विवेचन आवश्यक हो जाता है। ऐसी ही एक आहार कल्पना के घटको के गुण और उपयोग विधी का वर्णन हम इस लेख में करने जा रहे है।
दाल और श्री अन्न का गुण :
दालों को आयुर्वेद में शिंबी धान्य के नाम से वर्णित किया गया है। जैसा हम जानते हैं दालें प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत होती है। इन्ही गुणों को ध्यान में रखते हुए यह आहार कल्पना योजित की गयी है। इस आहार कल्पना का उपयोग सुबह या शाम के समय हल्के नाश्ते के रूप में किया जा सकता है। दालों, श्री अन्न, और सब्ज़ियों से बनी यह आहार कल्पना सुपाच्य होनी के साथ में पौष्टिक भी है।
दालों के आयुर्वेदीय गुण:
आयुर्वेद में दालों का वर्णन करते हुए आचार्यों ने इन्हें शिंबी नाम से सम्बोधित किया है। ये शिंबी धान्य रस में कषाय, मधुर विपाक में कटु, वातकारक, मल मूत्र को बांधने वाले और पित्त तथा कफ के नाशक है।इनमे भी मूँग दर्शन शक्ति को बढ़ाने वाली और सुपाच्य होती है।आचार्य चरक [1] ने इसे शिंबी धान्य में सर्वश्रेष्ठ माना है।
कषायमधुराः शीताः कटुपाका मरुत्कराः |
बद्धमूत्रपुरीषाश्च पित्तश्लेष्महरास्तथा ||
श्री अन्न भी रस में कषाय, मधुर, रूक्ष, उष्ण और वात और पित्त का शमन करते हैं।
उष्णाः कषायमधुरा रूक्षाः कटुविपाकिनः |
श्लेष्मघ्ना बद्धनिस्यन्दा वातपित्तप्रकोपणाः ||
कैसे प्रयोग करें :
इन्ही दो को प्रयोग करते हुए बनायी गयी आहार कल्पना मधुमेह और स्थौल्य के रोगियों के लिए निश्चित ही लाभकारक सिद्ध होगी। इस आहार कल्पना को बनाने की विधि विस्तार से जानने के लिए नीचे दिया गया वीडिओ ध्यान से देखिए।
इसके लिए आपको साबुत चना और साबुत मसूर को 2 से 3 घंटे तक भिगा कर रखना होगा। जो लोग प्याज़ खाते हैं वो प्याज़ का प्रयोग करें और जो प्याज़ [2] नहीं खाते हैं वो बिना प्याज़ के भी बना सकते हैं। शेष विधी जानने के लिए नीचे दिया गया video देखें और हमारे YouTube channel “Jiyofit Ayucare ” को सब्स्क्राइब करना ना भूलें।
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