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मिट्टी चिकित्सा (Mud Therapy) कैसे करते है

मिट्टी चिकित्सा (Mud Therapy) क्या है?

मिट्टी चिकित्सा, मृदा चिकित्सा ,(Mud Therapy) इत्यादि अनेक नामों से जानी जाती है। वैसे तो यह मूल रूप से प्राकृतिक चिकित्सा के अंतर्गत आने वाला विषय है। लेकिन आयुर्वेद [1] में भी इसके  प्रसंग मिलते हैं।इस आलेख में मिट्टी चिकित्सा के प्राकृतिक चिकित्सा से सम्बंधित पक्षों पर प्रकाश डाला जाएगा । 

क्या मिट्टी चिकित्सा (Mud Therapy) प्राकृतिक चिकित्सा का अंग है :-

प्राकृतिक चिकित्सा जिसे अंग्रेज़ी में Naturopathy के नाम से जाना जाता है।यह पद्धति जीवन के प्राकृतिक सिद्धांतों में विश्वास रखती है। ऐसा मान जाता है कि शरीर स्वयं अपनी व्याधियों को ठीक करता है । किसी प्रकार की चिकित्सा व्यवस्था केवल शरीर के लिए सहायक का काम करती है।

वैसे तो यह चिकित्सा पद्धति भारतीय स्वरूप की नहीं है, परंतु भारत में इसे व्यापक रूप से व्यवहार में लाया जाता है। नेचुरोपैथी की शुरुआत इसके सिद्धांत से मानी जाते है जिसका सर्वप्रथम उपयोग हिप्पोक्रेटिक स्कूल आफ मेडिसिन द्वारा 400 B.C. में किया गया। उन्होंने एक लैटिन शब्द “Vismedicatrix Naturae” जिसका अर्थ होता है “The healing power of nature” का सर्व प्रथम उपयोग किया था।

जान शील नाम के विज्ञानी ने नेचर क्योर शब्द का सबसे पहले उपयोग किया था। नेचुरोपैथी शब्द अमेरिका के डा० बेनेडिक्ट लस्ट का अवदान माना जाता है। आस्ट्रिया के विंसेंट प्रिस्नीज को नेचुरोपैथी का जनक होने का श्रेय प्राप्त है।

भारत में महात्मा गांधी ने सर्व प्रथम नेचुरोपैथी के महत्व हो प्रकाशित किया था।

नेचुरोपैथी में मुख्य रूप से जल चिकित्सा, सूर्य चिकित्सा, उपवास, वायु चिकित्सा और मृदा चिकित्सा का समावेश होता है।

इसे मिट्टी चिकित्सा क्यों कहते है?

इस चिकित्सा पद्धति में मिट्टी का प्रमुख रूप से उपयोग किये  जाने के कारण इसे मिट्टी चिकित्सा के नाम से जाना जाता है।

मिट्टी का उपयोग  मुख्य रूप से दो प्रकार से होता है :-

बाह्य प्रयोग एवं आभ्यांतर प्रयोग।

बाह्य प्रयोग हेतु मिट्टी का उपयोग अनेक कल्पनाओं से किया जाता है जिनमे  मड पैक (Mud Pack) और मड बाथ(Mud  Bath) प्रमुख है।

लाभ:

यह बहुत किफायती है क्योंकि उपचार के लिए मिट्टी की आवश्यकता होती है।

यह प्राकृतिक रूप से दुष्प्रभावों से रहित और गैर-आक्रामक उपचार पद्धति है।

कई बार जब अन्य सभी प्रणालियां विफल हो जाती हैं तो मिट्टी चिकित्सा से अच्छे परिणाम मिलते हैं।

दर्द और जलन में तेजी से कमी आती है।

इसका उपयोग अन्य उपचारों के साथ मिलकर किया जा सकता है।

हानि:

उपचार की प्रक्रिया के दौरान शरीर के अंग स्थिर हो जाते हैं, इसलिए यह कुछ रोगियों के लिए असुविधाजनक हो सकता है।

उपयोग की गई मिट्टी कुछ परिष्कृत रोगियों के लिए गंदगी और असुविधा का कारण बनती है।

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