लौकी के फ़ायदे
लौकी को अलाबू के नाम से भी जाना जाता। यह कद्दू के कुल का शाक है। आचार्य सुश्रुत [1] ने सूत्र स्थान के 46 वे अध्याय में शाक वर्ग के अंतर्गत इसका वर्णन किया है। लौकी के गुणों का वर्णन भोजन शास्त्र से संबंधित अनेकों पुस्तकों में प्राप्त होता है। लोक में सुपाच्य होने के कारण लौकी का उपयोग अनेक प्रकार की कल्पनाओं के रूप में प्रचलित है। मेदस्वी व्यक्तियों के लिए लौकी का सेवन अत्ययंत लाभकारी पाया जाता है।
परिचय:
लौकी का वैज्ञानिक नाम Lagenaria siceraria है । अंग्रेज़ी भाषा में इसे calbash के नाम से जाना जाता है। लौकी cucurbitaceae कुल की एक सदस्य है। इस कुल अधिकांश सदस्यों का उपयोग सब्ज़ियों के रूप में किया जाता है। कद्दू, करेला, तोरी, परवल, पेठा आदि सब्ज़ियाँ इसी कुल की सदस्य है।लौकी का पौधा एक लता होता है जो कभी कभी दूसरे पेड़ों पर चढ़ा हुआ भी मिलता है। इसकी पत्तियाँ बड़ी, गोल, हरी रंग की और मांसल होती है। इसका तना मज़बूत और रोयेंदार होता है। लौकी के फूल सफ़ेद रंग के होते है। परिपक्व अवस्था में लौकी का फल 2 फ़ीट तक का हो सकता है।
आयुर्वेद की दृष्टि से लौकी के गुण;
आचार्य सुश्रुत ने सूत्र स्थान में इसे फल वर्ग में वर्णित किया है। इसके गुणों का वर्णन करते हुए आचार्य कहते है-
अलाबुर्भिन्नविट्का तु रूक्षा गुर्व्यतिशीतला |
तिक्तालाबुरहृद्या तु वामिनी वातपित्तजित् |
अलाबू मलभेद कराने वाली (दस्तावर या विरेचक), रूक्ष, गुरु, और शीतल होती है। भोजन कुतूहल के अनुसार लौकी मधुर, स्निग्ध, पित्त दोष का शमन करने वाली होती है। यह गर्भ का पोषण करती है। भोजन कौतूहल में इसे “बल पुष्टिविवर्धिनी” कहा गया है।
कैसे बनाए बिना तेल की लौकी
इस प्रकार हम देखते है की लौकी की प्रशंसा लगभग सभी आयुर्वेद के ग्रंथों में की गयी है। आजकल लौकी का उपयोग अनेक प्रकार से किया जाता है। कुछ लोग लौकी का जूस निकाल कर पीते है।यदि लौकी का जूस प्रयोग काइयाँ जाता है तो यह वजन काम करने में लाभप्रद होता है। लेकिन यह यह ध्यान देना चाहिए की लौकी गुरु होने के कारण डर से पचती है। अपने रूक्ष गुण के कारण लौकी मोटापे से परेशान रोगियों के लिए बहुत फ़ायदेमंद होती है।
हृदय एवं मधुमेह के रोगियों के लिए बिना तेल [2] के लौकी की सब्ज़ी सुपाच्य होती है और इसके सेवन से कोलेस्टेरोल कम करने में भी मदद मिलती है। नीचे दिए गए विडीओ में बिना तेल की लौकी बनाने की विधि को विस्तार से बताया गया है। इस विधि से लौकी की सब्ज़ी बनाने पर तेल का उपयोग नहीं करना पड़ता है जिससे यह हृदय रोगियों के लिए भी प्रयोग में लायी जा सकती है।
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