How to prepare a healthy ayurvedic breakfast with millets for diabetic patients. कैसे बनाए मिलेट से पौष्टिक नाश्ता मधुमेह के रोगियों के लिए।
As we know for patients of diabetes, high blood pressure, obesity, it is important to take medicines on time. But it is equally important for them to pay attention to their diet. Ayurveda pays very close attention to diet. According to Lolimbraj “पथ्ये सति गदार्तस्य किम औषधि निषेवणे”. This means that if a person follows the diet properly, then what is the need of medicine and if someone follows the unhealthy diet, then what is the need of medicine for him. Keeping these things in mind, we will learn how to make a healthy ayurvedic breakfast with millets.
What are the benefits of ayurvedic breakfast with millets
Millets are also known as Kudhanya or kshudra dhanya in ayurved. According to Achara Charak kudhanya is Kashay in taste, and is having shoshak properties. (कषाय मधुरो लघु)
उष्णाः कषायमधुरा रूक्षाः कटुविपाकिनः |
श्लेष्मघ्ना बद्धनिस्यन्दा वातपित्तप्रकोपणाः | [1]
All millets are described as kudhany in Sushrut sanhita. Kudhany have ushn (warm), Roksh( dry) properties and kashay ras. They increase amount of vat and pitt dosh and decrease amount of kph dosha in body. Hence They are good for Obese, Diabetic and cardiac patients.In this video we are going to make a healthy breakfast using Barley and Ragi. This ayurvedic breakfast will also be beneficial for weight management.
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पथ्य सेवन के लाभ
मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापे के रोगियों के लिए समय पर औषधियाँ लेना बहुत महत्वपूर्ण है।लेकिन उतना ही महत्वपूर्ण उनके लिए अपने खान पान पर ध्यान भी है ।जैसा हम सभी जानते है आयुर्वेद में आहार विहार के ऊपर बहुत बारीकी से ध्यान दिया जाता है।कहा भी गया है “पथ्ये सति गदार्तस्य किम औषधि निषेवणे “। इसका अर्थ है की यदि कोई व्यक्ति पथ्य का सही प्रकार से पालन करता है, तो उसे औषधि की क्या आवश्यकता है ।और यदि कोई अपथ्य का पालन करता है ,तो उसके लिए औषधि की क्या आवश्यकता।इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए हम सीखेंगे की किस प्रकार से आयुर्वेद के सिद्धांतों को अपनाते हुए मिलेट के प्रयोग से एक स्वास्थ्यवर्धक नाश्ता बनाया जा सकता है।
जौ जिसे आयुर्वेद में यव के नाम से भी जाना जाता है एक अत्यन्त गुण कारी अन्न है।इसके अंदर फ़ाइबर बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। जिसके कारण यह आँतों की गति बढ़ाने में भी सहायक होता है। जौ रूक्ष स्वभाव का होने के कारण मेद शामक माना गया है। इसलिए यह मोटापे[2] के रोगियों और हृदय रोगियों के लिए बहुत गुण कारी है। वही रागी में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में होता है और यह पचने में भी आसान होती है।
इनके द्वारा बनाया गया चीला एक सुपाच्य और पोशक तत्वों से भरपूर आहार होने के कारण नाश्ते के लिए अच्छा विकल्प है।
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